हरेरामकृष्ण

The Rasi’s are lorded by the planets and the Sun is the
overlord ofall the signs. Thus most remedial measures for good health ofthe physical body prescribe the worship of the Sun.  The Moon is the Overlord of all the Nakshetra. Thus most ofthe remedial measures for maintenance ofgood mental health prescribe the worship ofthe Moon. Now Maharishi Parasara teaches that the Sun represents Sri Ram while the Moon represents Sri Krishna. Hence the best mantra for maintaining good mental and physical health is the [anakShadakshara”
/I HARERAMKRISHNA” (~~).हरेरामकृष्ण

भवन के विभिन्न क्षेत्रों के लीये शुभ रंग

*************भवन के विभिन्न क्षेत्रों के लीये शुभ रंग****************

कक्ष शुभ रंग
ड्राइंग रूम- श्वेत,पिंक,क्रीम,ब्राउन
मुख्य शयन कक्ष- आसमानी,पिंक,हल्का हरा
अन्य शयन कक्ष- हरा,श्वेत,नीला
भोजन कक्ष- पिंक,आसमानी,हल्का हरा
रसोई घर – श्वेत
अध्ययन कक्ष- पिंक,ब्राउन,आसमानी,हल्का हरा
शौचालय/स्नानागार- श्वेत,पिंक

राहुकाल

राहुकाल में शुभ या अच्छे कार्य को आरंभ नहीं करना ………….

** कब-कब होता है राहुकाल

प्रत्येक दिन एक निश्चित समय राहुकाल होता है। यह डेढ़ घंटे का होता है।
वारों के हिसाब से इसका समय इस प्रकार है-

•रविवार -सायं 4.30 से 6.00 तक।
•सोमवार -प्रातः 7.30से 9.00 तक।
•मंगलवार -दिन -3.00 से 4.30तक।
•बुधवार -दिवा -12.00 से 1.30 तक।
•गुरूवार -दिन -1.30 से 3.00 तक।
•शुक्रवार -प्रातः -10.30 से12.00 तक।
•शनिवार -प्रातः 9.00से 10.30

हस्ताक्षर

हस्ताक्षर
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

  1. जो लोग हस्ताक्षर में सिर्फ अपना नाम लिखते हैं, सरनेम नहीं लिखते हैं, वे खुद के सिद्धांतों पर काम करने वाले होते हैं। आमतौर पर ऐसे लोग किसी और की सलाह नहीं मानते हैं, ये लोग सुनते सबकी हैं, लेकिन करते करते अपने मन की हैं।
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  2. जो लोग जल्दी-जल्दी और अस्पष्ट हस्ताक्षर करते हैं, वे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे लोग सुखी जीवन नहीं जी पाते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों में कामयाब होने की चाहत बहुत अधिक होती है और इसके लिए वे श्रम भी करते हैं। ये लोग किसी को धोखा भी दे सकते हैं। स्वभाव से चतुर होते हैं, इसी वजह से इन्हें कोई धोखा नहीं दे
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  3. कुछ लोग हस्ताक्षर तोड़-मरोड़ कर या टुकड़े-टुकड़े या अलग-अलग हिस्सों में करते हैं, हस्ताक्षर के शब्द छोटे-छोटे और अस्पष्ट होते हैं जो आसानी से समझ नहीं आते हैं। सामान्यत: ऐसे लोग बहुत ही चालाक होते हैं। ये लोग अपने काम से जुड़े राज किसी के सामने जाहिर नहीं करते हैं। कभी-कभी ये लोग गलत रास्तों पर भी चल देते हैं और किसी को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
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  4. जो लोग कलात्मक और आकर्षक हस्ताक्षर करते हैं, वे रचनात्मक स्वभाव के होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य को कलात्मक ढंग से करना पसंद होता है। ऐसे लोग किसी न किसी कार्य में हुनरमंद होते हैं। इन लोगों के काम करने का तरीका अन्य लोगों से एकदम अलग होता है। ऐसे हस्ताक्षर वाले लोग पेंटर या कलाकार भी हो सकते हैं।
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  5. कुछ लोग हस्ताक्षर के नीचे दो लाइन खींचते हैं। ऐसे सिग्नेचर करने वाले लोगों में असुरक्षा की भावना अधिक होती है। किसी काम में सफलता मिलेगी या नहीं, इस बात का संदेह सदैव रहता है। पैसा खर्च करने में इन्हें काफी बुरा महसूस होता है अर्थात ये लोग कंजूस भी हो सकते हैं।
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  6. जो लोग हस्ताक्षर करते समय नाम का पहला अक्षर थोड़ा बड़ा और पूरा उपनाम लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं। ईश्वर में आस्था रखने वाले और धार्मिक कार्य करना इनका स्वभाव होता है। ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन भी सुखी होता है।
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  7. जिन लोगों के सिग्नेचर मध्यम आकार के अक्षर वाले, जैसी उनकी लिखावट है, ठीक वैसे ही हस्ताक्षर हो तो व्यक्ति हर काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करता है। ये लोग हर काम में संतुलन बनाए रखते हैं। दूसरों के सामने बनावटी स्वभाव नहीं रखते हैं। जैसे ये वास्तव में होते हैं, ठीक वैसा ही खुद को प्रदर्शित करते हैं।
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  8. जो लोग अपने हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर ले जाते हैं, वे आशावादी होते हैं। निराशा का भाव उनके स्वभाव में नहीं होता है। ऐसे लोग भगवान में आस्था रखने वाले होते हैं। इनका उद्देश्य जीवन में ऊपर की ओर बढ़ना होता है। इस प्रकार हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।
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  9. जिन लोगों के हस्ताक्षर ऊपर से नीचे की ओर जाते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले हो सकते हैं। ऐस लोग किसी भी काम में असफलता की बात पहले सोचते हैं।
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  10. जिन लोगों के हस्ताक्षर एक जैसे लयबद्ध नहीं दिखाई देते हैं, वे मानसिक रूप से अस्थिर होते होते हैं। इन्हें मानसिक कार्यों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इनके विचारों में परिवर्तन होते रहते हैं। ये लोग किसी एक बात पर अडिग नहीं रह सकते हैं।
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  11. जिन लोगों के हस्ताक्षर सामान्य रूप से कटे हुए दिखाई देते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य में असफलता पहले नजर आती है। इसी वजह से नए काम करने में इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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  12. यदि कोई व्यक्ति हस्ताक्षर के अंत में लंबी लाइन खींचता है तो वह ऊर्जावान होता है। ऐसे लोग दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। किसी भी काम को पूरे मन से करते हैं और सफलता भी प्राप्त करते हैं।
  13. जो लोग हस्ताक्षर करते समय अपना मिडिल नेम पहले लिखते हैं, वे अपनी पसंद-नापंसद को अधिक महत्व देते हैं। इसके बाद कार्यों को पूरा करने में लग जाते हैं।
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  14. जो लोग हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने अलग ही अंदाज से पूरा करते हैं। अपने कार्य में पारंगत होते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षर छोटे-छोटे और सुंदर दिखाई देते हों तो व्यक्ति धीरे-धीरे किसी खास मुकाम पर पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।

हस्ताक्षर

हस्ताक्षर
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1. जो लोग हस्ताक्षर में सिर्फ अपना नाम लिखते हैं, सरनेम नहीं लिखते हैं, वे खुद के सिद्धांतों पर काम करने वाले होते हैं। आमतौर पर ऐसे लोग किसी और की सलाह नहीं मानते हैं, ये लोग सुनते सबकी हैं, लेकिन करते करते अपने मन की हैं।
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2. जो लोग जल्दी-जल्दी और अस्पष्ट हस्ताक्षर करते हैं, वे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे लोग सुखी जीवन नहीं जी पाते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों में कामयाब होने की चाहत बहुत अधिक होती है और इसके लिए वे श्रम भी करते हैं। ये लोग किसी को धोखा भी दे सकते हैं। स्वभाव से चतुर होते हैं, इसी वजह से इन्हें कोई धोखा नहीं दे
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3. कुछ लोग हस्ताक्षर तोड़-मरोड़ कर या टुकड़े-टुकड़े या अलग-अलग हिस्सों में करते हैं, हस्ताक्षर के शब्द छोटे-छोटे और अस्पष्ट होते हैं जो आसानी से समझ नहीं आते हैं। सामान्यत: ऐसे लोग बहुत ही चालाक होते हैं। ये लोग अपने काम से जुड़े राज किसी के सामने जाहिर नहीं करते हैं। कभी-कभी ये लोग गलत रास्तों पर भी चल देते हैं और किसी को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
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4. जो लोग कलात्मक और आकर्षक हस्ताक्षर करते हैं, वे रचनात्मक स्वभाव के होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य को कलात्मक ढंग से करना पसंद होता है। ऐसे लोग किसी न किसी कार्य में हुनरमंद होते हैं। इन लोगों के काम करने का तरीका अन्य लोगों से एकदम अलग होता है। ऐसे हस्ताक्षर वाले लोग पेंटर या कलाकार भी हो सकते हैं।
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5. कुछ लोग हस्ताक्षर के नीचे दो लाइन खींचते हैं। ऐसे सिग्नेचर करने वाले लोगों में असुरक्षा की भावना अधिक होती है। किसी काम में सफलता मिलेगी या नहीं, इस बात का संदेह सदैव रहता है। पैसा खर्च करने में इन्हें काफी बुरा महसूस होता है अर्थात ये लोग कंजूस भी हो सकते हैं।
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6. जो लोग हस्ताक्षर करते समय नाम का पहला अक्षर थोड़ा बड़ा और पूरा उपनाम लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं। ईश्वर में आस्था रखने वाले और धार्मिक कार्य करना इनका स्वभाव होता है। ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन भी सुखी होता है।
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7. जिन लोगों के सिग्नेचर मध्यम आकार के अक्षर वाले, जैसी उनकी लिखावट है, ठीक वैसे ही हस्ताक्षर हो तो व्यक्ति हर काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करता है। ये लोग हर काम में संतुलन बनाए रखते हैं। दूसरों के सामने बनावटी स्वभाव नहीं रखते हैं। जैसे ये वास्तव में होते हैं, ठीक वैसा ही खुद को प्रदर्शित करते हैं।
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8. जो लोग अपने हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर ले जाते हैं, वे आशावादी होते हैं। निराशा का भाव उनके स्वभाव में नहीं होता है। ऐसे लोग भगवान में आस्था रखने वाले होते हैं। इनका उद्देश्य जीवन में ऊपर की ओर बढ़ना होता है। इस प्रकार हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।
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9. जिन लोगों के हस्ताक्षर ऊपर से नीचे की ओर जाते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले हो सकते हैं। ऐस लोग किसी भी काम में असफलता की बात पहले सोचते हैं।
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10. जिन लोगों के हस्ताक्षर एक जैसे लयबद्ध नहीं दिखाई देते हैं, वे मानसिक रूप से अस्थिर होते होते हैं। इन्हें मानसिक कार्यों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही, इनके विचारों में परिवर्तन होते रहते हैं। ये लोग किसी एक बात पर अडिग नहीं रह सकते हैं।
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11. जिन लोगों के हस्ताक्षर सामान्य रूप से कटे हुए दिखाई देते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य में असफलता पहले नजर आती है। इसी वजह से नए काम करने में इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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12. यदि कोई व्यक्ति हस्ताक्षर के अंत में लंबी लाइन खींचता है तो वह ऊर्जावान होता है। ऐसे लोग दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। किसी भी काम को पूरे मन से करते हैं और सफलता भी प्राप्त करते हैं।
13. जो लोग हस्ताक्षर करते समय अपना मिडिल नेम पहले लिखते हैं, वे अपनी पसंद-नापंसद को अधिक महत्व देते हैं। इसके बाद कार्यों को पूरा करने में लग जाते हैं।
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14. जो लोग हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने अलग ही अंदाज से पूरा करते हैं। अपने कार्य में पारंगत होते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षर छोटे-छोटे और सुंदर दिखाई देते हों तो व्यक्ति धीरे-धीरे किसी खास मुकाम पर पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।

मूलाधार चक्र

जैसे कि सब जानते हैं कि हमारे शरीर में प्रमुख 7 #चक्र है। चक्रों की बात करे तो #मूलाधार चक्र  हमारा root या base चक्र है और अगर यहां प्रॉब्लम है तो आप लाइफ मे कभी भी कामयाबी नहीं पा सकते। वास्तु की बात करे तो ये हमारे South West area  भी मूलाधार चक्र है  अगर घर के South West zone ठीक नहीं तो आप कुछ भी करे कामयाबी नहीं मिल पाती।
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इसको ठीक करने के लिए मूलाधार का बीज मंत्र “#लं” यहाँ लिखने से या उसकी पिक्चर लगाने से भी ये जोन बैलेंस होता है। और अगर रोज़ 108 baar ये #मंत्र बोला जाए तो भी वही फल मिलेगा।
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9910057645 ☎️

होली के पर्व के दिन क्या उपाय करना चाहिए

होली के पर्व के दिन क्या उपाय करना चाहिए🌷
होली महापर्व के दिन प्रात काल उठकर के ना धोकर की क्रिया करके संध्या पाठ पूजन करने के बाद नो दीपक को पूजन करके प्रचलित करें 10 महाविद्या मैं से किसी एक विद्या का पूजन आप कर सकते हो मंत्र छका जाप कर सकते हैं 10000 जप करें🌷 उसके बाद आप पलाश के पुष्प से 1000 आहुति देवी सभी देवताओं का हवन भी करें रात्रि में होलिका का पूजन करें होलिका दहन करें🌷 घर के अंदर अगर परिवार में कोई बीमार हो तो गोमती चक्र लेव 11 पूरे मकान के अंदर घूम करके जो व्यक्ति ज्यादा बीमार रहता है उसके ऊपर घुमा घुमा दे और होली का दहन होता हो इस समय होली के अंदर प्रवाहित कर दे डाल दे🌷
हमारे घर के अंदर किसी भी प्रकार की नेगेटिव खराब हो किसी व्यक्ति की जिसके कारण किसी भी व्यक्ति को बीमारी होना या कोई भी किसी भी प्रकार से तंत्र मंत्र की क्रिया शक्ति द्वारा उसे बांध देना किसी भी प्रकार की तंत्र क्रिया अगर की जाती हो या किसी की नजर लग जाती हो बार-बार यह बार-बार बीमार होना ठीक नहीं होना हाथ पैर दर्द होते रहना सर में दर्द होना पैर में कोई जैसे कट रहा हो या चुभता रहता हो
घर में बार-बार क्लेश उत्पन्न होता हो आर्थिक परेशानियां नहीं मिटा रही हो कोर्ट कचहरी के मुकदमे आदि अगर ज्यादा चल रहे हो तो करेगा उपाय🌷 एक नारियल एक नींबू सात काली मिर्च सात उड़द एक चम्मच पीली सरसों या राई तीन लोग घी के अंदर डबोक लेवे इन सभी को एक कपड़े में बांध ले लाल पीला केसरिया पूरे मकान में सात बार घूमना जो बीमार रहते हैं या किसी भी प्रकार से परिवार के सभी सदस्यों के ऊपर भी आप सात बार घूमा करके जलती हुई होली में डाल दे🌷 प्रातः काल होली की कुछ थोड़ी सी राख लेकर के अपने घर आवे उसमें थोड़ा सा नमक मिलवा और एक कपड़े में लेकर के में गेट पर दरवाजे पर बांध दिया जाए जिससे कि आपकी साल भर व्यक्ति का अच्छा निकले सभी परेशानियां दूर होती रहे

खरमास

14 मार्च 2024 को खरमास आरंभ
हो रहा है ज्योतिष गुरु  महावीर शर्मा नेदोपहर 12:42 से खरमास आरंभ हो गया हैविवाह मुहूर्त 2024 लिस्‍ट: भारत में शादियां बड़े त्‍योहार की तरह होती हैं. हिंदू धर्म में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकाला जाता है ताकि नवदंपत्ति अपने नए जीवन की शुरुआत शुभ समय में करें और सुखी वैवाहिक जीवन पाएं. साल 2024 में ग्रहों की स्थितियां ऐसी बन रही हैं कि गर्मी के शादियों के सीजन में विवाह के लिए बहुत कम मुहूर्त मिल रहे हैं. होलाष्‍टक, खरमास के बाद शुक्र और गुरु अस्‍त होने से विवाह नहीं हो सकेंगे. इसके कुछ ही दिन बाद चातुर्मास शुरू होने से 4 महीनों के लिए शादियों पर फिर से ब्रेक लग जाएगा. इस तरह इस साल गर्मियों में शादी के लिए बहुत कम शुभ मुहूर्त हैं.

👉14 मार्च 2024से खरमास शुरू

विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकालते समय कई बातों का ध्‍यान रखना पड़ता है. जैसे खरमास, होलाष्‍टक जैसा कोई अशुभ काल ना हो, वैवाहिक सुख देने वाले गुरु-शुक्र ग्रह का उदित रहना जरूरी है. इस साल 14 मार्च 2024से खरमास शुरू हो रहा है, जो कि 14 अप्रैल 2024तक चलेगा. इस बीच 17 मार्च से 24 मार्च तक होलाष्‍टक रहेंगे. इसके चलते 14 मार्च से 14 अप्रैल तक विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, नए काम की शुरुआत आदि शुभ कार्य वर्जित रहेंगे. यानी कि इस एक महीने में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा.

👉डूब जाएगा तारा

इसके बाद शुक्र और गुरु ग्रह अस्‍त हो रहे हैं. गुरु अस्‍त, शुक्र अस्‍त होने को तारा डूबना कहा जाता है. ज्‍योतिष के अनुसार गुरु ग्रह वैवाहिक सुख, सौभाग्‍य के कारक हैं. वहीं शुक्र ग्रह जीवन में प्रेम और रोमांस देते हैं. इसलिए सुखद वैवाहिक जीवन पाने के लिए गुरु और शुक्र ग्रह का शुभ स्थिति में होना जरूरी है. इसके बाद 23 अप्रैल से 29 जून तक शुक्र अस्‍त रहेंगे. वहीं 7 मई से 6 जून तक गुरु अस्‍त रहेंगे. इसके चलते साल 2024 के मई और जून में विवाह मुहूर्त नहीं हैं.

👉मार्च से जुलाई तक विवाह मुहूर्त 2024 लिस्‍ट

मार्च में विवाह मुहूर्त- 14 मार्च2024 से खरमास शुरू होने से महीने के उत्‍तरार्ध में शादियां हो सकेंगी.

अप्रैल में विवाह मुहूर्त – 18, 20, 21, 22,

मई जून में विवाह मुहूर्त – मई और जून में विवाह मुहुर्त नहीं हैं.

जुलाई में विवाह मुहूर्त – 9, 11, 12, 13, 15, 17
ज्योतिष गुरु महावीर शर्मा
खरमास को हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना गया है। सूर्य जब मीन राशि में गोचर करेंगे तब अगले 30 दिनों के लिए सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के राशि बदलने से साल में दो बार खरमास लगते हैं, खरमास की अवधि को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। इसमें मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, शादी से जुड़े समस्त कार्यों पर विराम लग जाता है।
नामकरण संस्कार मृत्यु संस्कार जन्म संस्कार इस कार्य में विराम नहीं लगेगा
हालांकि पूजा पाठ, मंत्र जाप आदि के लिए खरमास शुभ माना गया है, इस दौरान विष्णु जी की विशेष पूजा से पापों का नाश होता है।

👉खरमास क्या होता है ?

सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु या मीन में भ्रमण करते हैं तो खरमास शुरू हो जाता है। ज्योतिष ग्रंथों में इसे गुरुवादित्य काल भी कहा गया है। ये स्थिति साल में 2 बार यानी दिसंबर-जनवरी और मार्च-अप्रैल में बनती है। दिसंबर-जनवरी के दौरान सूर्य के धनु राशि में आने से इसे धनुर्मास भी कहा जाता है। वहीं  मार्च-अप्रैल में मीन राशि में सूर्य के आने से इसे मीनमास भी कहा जाता है।

👉खरमास में क्या करें, क्या नहीं करें

खरमास के माह में देवता, वेद, ब्राह्मण, गुरु, गाय, साधु-सन्यासियों की पूजा और सेवा करनी चाहिए

खरमास के स्वामी विष्णु जी हैं, ऐसे में एक माह तक रोजाना श्रीहरि की पूजा, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ, गीता पाठ आदि करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

दिन में एक वक्त खाना, मन-तन से शुद्धता रखना, पत्तल पर भोजन करना, जमीन पर सोना आदि कार्य खरमास की अवधि में करना चाहिए।

खरमास अशुभ होते हैं इसलिए इस दौरान मांगलिक कार्य करने से बचें, इसका परिणाम शुभ नहीं होता। दोष लगता है।

(मंगल का राशि परिवर्तन कुंभ राशि में)

(मंगल का राशि परिवर्तन कुंभ राशि में)

मित्रो मंगल देव अपनी राशि को बदल रहे है यह अपनी उच्च राशि से निकलकर शनि देव की मूल त्रिकोण राशि कुंभ में गोचर करने आ रहे है यहां मंगल देव 15 मार्च से 23 अप्रैल तक रहेंगे यहा पर शनि मंगल साथ रहेंगे शनि की राशि में मंगल और इनके साथ होने से कही कहीं लड़ाई झगडे का माहोल भूकंप जैसी घटना या कोई शोक संदेश मिल सकते है शनि मंगलं के साथ 31 मार्च तक शुक्र भी रहेंगे इसलिए शनि मंगल का प्रभाव कुछ लग्नों के लिए अच्छा कुछ के लिए बुरा रहेगा
सभी लग्नों पर इनका क्या प्रभाव रहेगा

मेष लग्न

मेष लग्न के लोगों के संकट कम होंगे, पैसा आएगा और पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण होगा, कार्यों में सफलता भी तय है। आय के साधन बढ़ेंगे, नौकरी में ग्रोथ होगी। अगर आप जीवन में कुछ परिवर्तन चाहते हैं तो ये समय अच्छा है। घर के बड़े सदस्यों से प्रेम पूर्वक रहें, खासतौर पर बड़े भाई के साथ मतभेद ना रखें। विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा होगा।

वृषभ लग्न

सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी, आय के नए साधन प्राप्त होंगे। नई संपत्ति खरीद सकते हैं, परिवार में सुख शांति का माहौल होगा। विदेशी कंपनी से जॉब के ऑफर मिल सकते हैं, प्रमोशन होने के योग भी बन रहे हैं। वाहन दुर्घटना से खुद को बचाना होगा, यात्रा में सामान संभालकर रखना होगा।

मिथुन लग्न

लग्न के नवम भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव आपको सफलता प्रदान करेगा। आपको लगेगा कि आपका काम बनते बनते रुक गया, लेकिन निराश ना हों अंतत: आपको सफलता मिलेगी। आपके द्वारा किए गए कार्यों और निर्णयों की प्रशंसा होगी। यात्रा के योग बन रहे हैं। परिवार में छोटे भाईयों के साथ संबंध बनाकर रखें। खर्चे कम करें, आर्थिक तंगी आ सकती है। आपका भाग्य अच्छा होगा। आय के स्रोत बढ़ने की संभावना भी है।

कर्क लग्न

मंगल का गोचर कर्क लग्न वालों के लिए ज्यादा शुभ नहीं है। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, कार्य क्षेत्र में भी सिर्फ काम पर ध्यान दें, वाद-विवाद और झगड़े से दूरी बनाकर रखें। दूर हुआ धन वापस मिलने की उम्मीद दिख रही है। आपके आय के साधन बढ़ेंगे, मगर लोग आपको नीचा दिखाने का प्रयास कर सकते हैं, सावधान रहें। परिवार से विवाद हो सकता है, कुल मिलाकर ये गोचर आपके लिए तमाम चुनौतियां लेकर आएगा।

सिंह लग्न

सिंह लग्न वालों को जीवनसाथी के साथ झगड़ा हो सकता है कोई छोटी मोटी लड़ाई आपको परेशानी में डाल सकती है या आपकी जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब रहेगा । आर्थिक लाभ के योग दिख रहे हैं। ससुराल पक्ष से रिश्ते बनाकर रखें। शादी के लिए रिश्ते ढूंढ़ रहे हैं तो इसमें विलंब हो सकता है।

कन्या लग्न

क्रोध पर कंट्रोल रखें। आपके दुश्मन आपको परेशान कर सकते हैं, लेकिन उनकी हार होगी। किसी को उधार देने से बचें, विदेशी कंपनी से जॉब का ऑफ आ सकता है। अपनी योजनाएं लोगों से शेयर ना करें। कोर्ट कचहरी के मामले के निर्णय आपके पक्ष में आ सकते हैं। धन मिलने के योग दिख रहे हैं।

तुला लग्न

संतानपक्ष को कष्ट मिल सकता है, ऑफिस में भी वाद-विवाद हो सकता है। जूनियर्स से भी टकराव हो सकता है। विद्यार्थियों को अच्छे नंबर लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। सामाजिक पद प्रतिष्ठा बढ़ सकती है। धन संबंधी परेशानी कम होगी

वृश्चिक लग्न

आपके सुख बढ़ेंगे। माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। आपके काम बढ़ेंगे, व्यर्थ की दौड़भाग भी हो सकती है। आय के स्रोत बढ़ेंगे। मकान या घर खरीदने के योग बन रहे हैं। घर में झगड़े की वजह से मानसिक अशांति हो सकती है।

धनु लग्न

मंगल का प्रभाव आपको सफलता दिलाएगा। कठिन परिस्थियों में भी आसानी से जीत मिलेगी। अपनी योजनाएं गोपनीय रखते हुए कार्य करें तो सफलता जल्दी मिलेगी। छोटे भाई के साथ रिश्ते अच्छे रखें। किसी को उधार ना दें, वरना वापस नहीं मिलेगा। पैतृक संपत्ति मिल सकती है।

मकर लग्न

मकर लग्न के लिए मंगल कई प्रभाव दिखाएगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखना है, वाणी पर कंट्रोल रखें, प्यार से बात करें, कटुभाषा का प्रयोग ना करें। धन की प्राप्ति के योग बन रहे हैं, उधार दिया हुआ पैसा भी वापस मिल सकता है। वर्कप्लेस पर राजनीति का शिकार होने से बचें। कोर्ट-कचहरी के चक्कर में ना फंसे, बाहर ही मामले को सुलझाना समझदारी होगी। प्रेम संबंध अच्छे होंगे। नई संपत्ति खरीदने के योग भी हैं।

कुंभ लग्न

मंगल लग्न में कुंभ का गोचर आपके लिए मिला जुला रहेगा। आपको गुस्सा ज्यादा आ सकता है, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं। खर्चे बढ़ेंगे और चिंता भी बढ़ेगी। हालांकि आपकी ऊर्जा और आय के साधन बढ़ेंगे और आपके द्वारा किए गये काम की प्रशंसा होगी। आपका वर्चस्व बढ़ेगा और जिम्मेदारियां भी बढ़ेंगी।

मीन लग्न
लग्न से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए मंगल का प्रभाव आपके लग्न के लिए सामान्य होगा। कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव होगा। आर्थिक तंगी भी हो सकती है। जमीन-जायदाद खरीदने के योग बन रहे हैं। उधार लेने या देने से बचें। आपके शत्रु हारेंगे और आपको जीत मिलेगा। सांसारिक सुख मिलेंगे।